थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है

थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है इसका उत्तर जानने से पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है की मरीज को थायराइड की कौन सी दिक्कत है। 
 
थायराइड में मुख्यता मरीज को या तो हाईपो थायरोडिज्म (Hypothyroidism) होता है या फिर हाइपर थायरोडिज्म (Hyperthyroidism)
 
भारत की लगभग 15% जनसंख्या थायराइड ग्रन्थि की समस्या से पीड़ित है। 
 
भारत में अधिकतर मरीजों को हाइपोथायरोडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या होती है।
 
थायराइड ग्रंथि की समस्या से पीड़ित मरीजों में लगभग 80% लोग हाइपोथायरोडिज्म (Hypothyroidism) से ग्रसित हैं।
 
क्या Thyroid पूरी तरह ठीक हो सकता है
 
थाइराइड ग्रन्थि की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक होती है।
 

थायराइड हार्मोन क्या होता है

थाइराइड ग्रन्थि हमारे गले में सामने की तरफ मौजूद एक तितली के आकार की ग्रन्थि होती है जो T3 और T4 नामक थाइराइड हार्मोन निकालती हैं। 
 
जब भी हमारे शरीर को थायराइड हार्मोन की जरूरत होती है तब हमारे दिमाग में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि TSH हार्मोन निकालती है, इसे थाइराइड स्टेमुलेटिंग हार्मोन कहते हैं। 
 
TSH हार्मोन खून के साथ मिलकर थायराइड ग्रन्थि तक जाता है और थायराइड ग्रंथि को थायराइड हार्मोन (T3 & T4) बनाने का संदेश देता है। 
 
शरीर को जितनी मात्रा में थायरायड हार्मोन की जरूरत होती है उतनी ही मात्रा में TSH हमारे ब्रेन से निकलकर गले में मौजूद थायराइड ग्रन्थि में आता है और उसी के अनुसार T3 और T4 हार्मोन निकलते हैं।
 

थाइराइड हार्मोन का हमारे शरीर में क्या काम होता है

थायराइड हार्मोन का हमारे शरीर में मुख्य काम हमारे मेटाबोलिज्म (उपापचय) को नियंत्रित करना होता है। 
 
इसके अलावा थायराइड हार्मोन के अन्य महत्वपूर्ण काम भी होते हैं जैसे
 
शरीर के तापमान को नियंत्रित रखना

हृदय की धड़कन को नियंत्रित रखना

बच्चों के शारीरिक विकास में सहायता करना

दिमाग की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखना

पाचन तंत्र को ठीक रखना

मांसपेशियों को मजबूत बनाना

त्वचा और बालों को स्वस्थ रखना

शरीर में कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखना

महिलाओं और पुरूषों के जनन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत बनाना

थायराइड संबंधी बीमारियां कौन कौन सी होती है

थायराइड ग्रंथि संबंधी कई विकार होते हैं जैसे-:
 
हाइपोथायरोडिज्म (Hypothyroidism)
 
हाइपरथायरोडिज्म (Hyperthyroidism)
 
थाइराइड कैंसर (Thyroid Cancer)
 
थाइराइड ग्रन्थि में इंफ्लेमेशन (Thyroiditis)
 
घेंगा रोग (Goiter)
 
थायरायड ग्रंथि में गांठ (Thyroid Nodules)
 
इस लेख में हम सिर्फ हाइपर थायरोडिज्म और हाइपो थायरोडिज्म क्या होते है और कब तक ठीक होते हैं के बारे में चर्चा करेंगे।

हाइपरथायरोडिज्म (Hyperthyroidism)

हाइपरथायरोडिज्म में थाइराइड ग्रन्थि अधिक मात्रा में थायरायड हार्मोन (T3 & T4) बनाने लगती है। 
 
इसे ओवर ऐक्टिव थाइराइड भी कहते हैं। 
 
इस कारण मरीज के शरीर का मेटाबोलिज्म बहुत तेज हो जाता है और मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है, भूख बहुत लगती है, हृदय की धड़कन अनियंत्रित और तेज हो जाती है, हाथ पैर कांपने लगते हैं, पसीना अधिक आने लगता है, गले में घेंघा रोग हो जाता है, गर्मी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, मांसपेशियां और बाल कमजोर हो जाते हैं।
 
यह बहुत कम लोगों को होता है और भारत में इतना सामान्य नहीं है। 
 
हाइपरथायरोडिज्म होने का मुख्य कारण ग्रेव्स डिजीज, थाइराइड ग्रन्थि में इंफ्लेमेशन, कुछ दवाइयां, ट्यूमर, और थाइराइड ग्रन्थि में गांठ के कारण होता है।
 

हाइपरथायरोडिज्म का पता कैसे करें

हाइपरथायरोडिज्म का पता करने के लिए T3, T4 और TSH ब्लड टेस्ट करवाया जाता है और इसे थाइराइड प्रोफाइल टेस्ट भी कहते हैं।
 
अगर मरीज का TSH कम या सामान्य आता है और T4 बढ़ा हुआ आता है तो मरीज को हाइपरथायरोडिज्म की समस्या है।  
 

क्या हाइपरथायरोडिज्म ठीक हो सकता है

हाइपरथायरोडिज्म के पूरी तरह ठीक होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है की आपको हाइपरथायरोडिज्म किस वजह से हुआ है। 
 
अगर हाइपरथायरोडिज्म ग्रेव्स डिजीज के कारण हुआ है तो यह कभी ठीक नहीं होता आप इसे सिर्फ एंटी थायरायड मेडिसिन, रेडियोएक्टिव आयोडीन थैरेपी या फिर सर्जरी के माध्यम से मैनेज कर सकते हैं।
 
अगर हाइपरथायरोडिज्म टॉक्सिक नॉड्यूल्स या घेंघा रोग के कारण हुआ है तो इसे रेडियोएक्टिव आयोडीन थैरेपी और सर्जरी से ठीक कर सकते हैं।
 
अगर हाइपरथायरोडिज्म थायरायड ग्रंथि में इनफ्लामेशन के कारण हुआ है तो आसानी से ठीक हो जाता है।
 
अगर हाइपरथायरोडिज्म आयोडीन की अधिक मात्रा लेने के कारण हुआ है तो आयोडीन की कम मात्रा और खाने पीने में परिवर्तन करके इसे ठीक कर सकते हैं।
 
अगर हाइपरथायरोडिज्म ट्यूमर के कारण हुआ है तो ट्यूमर को सर्जरी द्वारा निकाल कर इसे ठीक कर सकते हैं।
 

हाइपोथायरोडिज्म (Hypothyroidism)

हाइपोथायरोडिज्म भारत में बहुत ही आम समस्या है और थायरायड ग्रंथि के विकार से पीड़ित अधिकतर मरीजों को हाइपोथायरोडिज्म ही होता है। 
 
इसमें मरीज की थायरायड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरायड हार्मोन नहीं बना पाती और इसे अंडर ऐक्टिव थाइराइड भी कहते हैं। 
 
इसके लक्षण तुरंत नहीं दिखाई देते और कई महीनों या साल के बाद इसके लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं। 
 
अगर हाइपोथायरोडिज्म का ईलाज ना किया जाए तो यह अन्य शारीरिक बीमारियों को जन्म देती है जैसे कोलेस्ट्रोल का बढ़ जाना, हृदय की कोई बीमारी हो जाना, नपुंसकता, डिप्रेशन या दिमाग संबंधी कोई रोग हो जाना ईत्यादि।
 
हाइपोथायरोडिज्म होने का मुख्य कारण है हाशीमोटो डिजीज (Hashimoto's Disease), आयोडीन की कमी होना, पीयूष ग्रंथि में समस्या होना, थायरायड ग्रंथि की सर्जरी होना, रेडिएशन थेरेपी होना, थायरायड ग्रंथि में इन्फ्लेमेशन होना या किसी दवाई का दुष्प्रभाव होना।
 
हाइपोथायरोडिज्म होने पर मरीज को ठंड अधिक लगती है, थकान बनी रहती है, कब्ज हो जाता है, चेहरा फूला सा लगता है, मांशपेशियां कमजोर हो जाती हैं, बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं, त्वचा कांतिहीन होने लगती है, डिप्रेशन और भूलने की बीमारी होने लगती है, वजन बढ़ने लगता है ईत्यादि।
 

हाइपोथायरोडिज्म का पता कैसे करें

हाइपोथायरोडिज्म का पता करने के लिए T3, T4 और TSH ब्लड टेस्ट करवाया जाता है और इसे थाइराइड प्रोफाइल टेस्ट भी कहते हैं। 
 
अगर मरीज का TSH बढ़ा हुआ आता है और T3, T4 सामान्य आता है या कम आता है तो मरीज को हाइपोथायरोडिज्म की समस्या है। 
 
इस स्तिथि में डॉक्टर मरीज को सुबह सुबह खाली पेट थायराइड की मेडिसिन लेने को बोलता है।
 

क्या हाइपोथायरोडिज्म ठीक हो सकता है

हाइपोथायरोडिज्म का ठीक होने इस बात पर निर्भर करता है की आपको हाइपोथायरोडिज्म किस वजह से हुआ है। 
 
अगर हाइपोथायरोडिज्म हाशीमोटो डिजीज के कारण हुआ है तो यह कभी ठीक नहीं होता और मरीज को जीवन पर्यन्त थायराइड की दवाई लेनी पड़ती है। 

अगर हाइपोथायरोडिज्म आयोडीन की कमी के कारण होता है तो मरीज को आयोडीन थैरेपी दे कर इसका सफलतापूर्वक ईलाज किया जा सकता है। 

अगर हाइपोथायरोडिज्म सर्जरी के कारण हुआ है तो मरीज को जीवन पर्यन्त दवा लेनी पड़ती है।

अगर किसी दवाई के दुष्प्रभाव के कारण हाइपोथायरोडिज्म हुआ है तो उस दवाई को बंद करने पर स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो जाती है।
 
अगर हाइपोथायरोडिज्म थाइराइड ग्रन्थि की इंफ्लेमेशन के कारण हुआ है तो यह इंफ्लेमेशन ठीक होने के बाद धीरे धीरे ठीक हो जाता है।
 
 
यह भी पढ़ें 👇👇👇
 

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

फ़ॉलोअर